जैसे ही सूरज डूबा, आकाश उदासी के रंग में रंग गया, शांत सड़कें भूली-बिसरी कहानियाँ फुसफुसाने लगीं। इस एकांत के बीच, आशा का एक हल्का सा अंगारा चमक रहा था, जो पुरानी यादों और एक नई शुरुआत के सौम्य वादे के बीच फंसा हुआ था - भावनाओं का धुंधलका, प्रत्याशा के साथ लालसा का सम्मिश्रण।