लॉरेन अयूबे द्वारा
निशा एक बारह वर्षीय लड़की है जो 1947 में भारत में अपने जुड़वां भाई, अपने पिता और अपनी दादी के साथ रहती है। उसकी मुस्लिम माँ की मृत्यु प्रसव के दौरान हुई थी, और निशा हर रात अपनी डायरी में उसे पत्र लिखती है। जब परिवार को अपनी सुरक्षा के लिए अपना घर छोड़ना पड़ता है, तो वे स्वतंत्रता और एक नए जीवन की ओर एक लंबी और खतरनाक यात्रा शुरू करते हैं।